शुक्रवार, 29 अप्रैल 2011

चित्रों के महाराजा रवि वर्मा ... 29 अप्रैल

केरल के तिरुवनन्तपुरम शहर के किलिमानूर राजमहल में 29 अप्रैल 1848 को भारत के विख्यात चित्रकार राजा रवि वर्मा का जन्म हुआ था। बचपन से ही चित्रकला के प्रति उनका रुझान था। उनके चाचा राजा राजा वर्मा ने चित्रकला की प्रारंभिक शिक्षा दी। इसके बाद उन्होंने मदुरा के चित्रकार रामा स्वामी नायडू तथा विदेशी चित्रकार श्री थियोडोर जेंसन से भी चित्रकला की शिक्षा ली। हिन्दू महाकाव्य और धर्मग्रंथो पर आधारित उनके चित्रों में हिन्दू मिथकों का बहुत ही प्रभावशाली तरीके से चित्रण किया गया है। पश्चिम की कलाशैली और पूर्व के कल्पना संसार के अदभुत संगम के लिये वे प्रसिद्ध हुये। तैल माध्यम में एकदम सजीव प्रतिक्रतियां बनाने वाले वे भारतीय कला समाज में अग्रणी चित्रकार माने जाते हैं।



रवि वर्मा के चित्रों का सबसे बड़ा संग्रहालय बड़ौदा के राजपरिवार में स्थित है। 2 अक्टूबर 1906 को चित्रों के महाराजा रवि वर्मा दिवंगत हो गए लेकिन उनके चित्र आज भी उनकी रचनाधर्मिता और जीवन्तता की इबारत गढ़ रहे हैं ।